भारतीय राजव्यवस्था ( Indian Polity ) बिषय से संबंधित सभी प्रकार की PDF यहाँ से फ्री Download करें Indian Polity PDF Notes
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विषय सूचि
क्रम, स, | अध्याय | पृष्ट संख्या |
1 | भारतीय संविधान के विकास का सक्षिप्त | 139-141 |
2 | भारतीय संविधान सभा | 142-142 |
3 | उद्देशिका | 143-145 |
4 | संघ और उसका राजयशेत्र | 146-147 |
5 | नागरिकता | 148-149 |
6 | मूल अधिकार | 150-158 |
7 | राज्य के निति निदेशक तत्व | 159-160 |
8 | मूल कर्तव्य | 161-161 |
9 | संविधान संशोधन | 162-162 |
10 | राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति | 163-170 |
11 | प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्री- परिषद | 171-174 |
12 | संसद | 175-185 |
13 | राज्यपाल, मुख्यमंत्री, व मंत्री- परिषद | 186-191 |
15 | राज्य विधान मंडल | 192-198 |
16 | उच्चतम न्यायालय | 199-201 |
17 | उच्च न्यायालय व अधीनस्थ न्यायालय | 202-205 |
18 | भारत के महान्यायवादी एव महादिवक्ता और राज्य का महादिवक्ता | 206-206 |
19 | पंचायती राज्य | 207-209 |
20 | शहरी स्थानीय शासन | 210-213 |
21 | निवार्चन एव निवार्चन आयोग | 214-216 |
22 | संघ लोक सेवा आयोग एव राज्य लोक सेवा आयोग | 217-219 |
23 | वित् आयोग | 220-221 |
24 | आयोजना आयोग एव राष्ट्रीय विकास परिषद | 222-223 |
1. भारतीय संविधान का विकास
- 1757 इ, की प्लासी की लड़ाई और 1764, ई, के बक्सर के युद को अंग्रेजो द्वारा जित लिए जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिआ कंपनी ने शासन का शिंकजा कसा।
- इसी शासन को अपने अनुकूल बनाए रखने के लिए अंग्रेजो ने समय – समय पर कई एक्ट पारित किए जो भारतीय संविधान के विकास की सीढ़िया बने।
- 1773 इ, का रेग्युलेटिंग एक्ट : इसके अंतर्गत कलकत्ता प्रेसिडेंसी में एक ऐसी सरकार स्थापित की गयी जिसमे गवर्नर जनरल और उसकी परिषद के चार सदस्य थे, जो अपनी सता के उपयोग संयुक्त रूप से करते थे। इसके मुख्य बाते इस प्रकार है-
- बंगाल के गवर्नर को तीनो प्रेसीडेंसियों का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया।
- कंपनी के शासन पर संसदीय नियत्रण।
- 1784 ई का पिट्स इंडिया एक्ट : इस एक्ट के द्वारा दोहरे प्रशासन का आरंभ हुआ –
- बोर्ड ऑफ़ कंट्रोलर: राजनितिक मामलो के लिए।
- कोट ऑफ़ डायरेक्टर्स : व्यापारिक मामलो के लिए।
- 1793 ई’ चार्टर अधिनियम: इसके द्वारा नियत्रण बोर्ड के सदस्यों तथा कर्मचारियों के वेतनादि को भारतीय राजस्व से देने की व्यवस्था की गयी।
- 1813 ई’ का चार्टर अधिनियम-
- इसके द्वारा कंपनी को अधिकार- पत्र को 20 वर्षो के लिए बढ़ा दिया गया
- कुछ सीमाओं के अधीन सभी बिट्रिश नागरिको के लिए भारत के साथ व्यापार खोल दिया गया
- किन्तु उसे चीन के साथ व्यापार एंव पूर्वी देशो के साथ चाय के व्यापार के सबंध में 20 वर्षो के लिए एकाधिकार प्राप्त रहा
2. भारतीय संविधान सभा
- केबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई 1946.ई में किया गया
- मिशन योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल सदस्यों में से प्राप्तो के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस को 208 मुस्लिम लिक को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वत्रन्त्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।
- सविंधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गयी थी जिसमे 292 ब्रिटिश क्रान्तो के प्रतिनिधि चार चिप कमिश्नर क्षेत्रों के प्रति निधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।
- 9 दिसम्बर 946 ई को सविंधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैंबर के पुस्तकालय भवन में हुई सभा के सबसे बुजुरक सदस्य डॉ, सचिच्दानद सिन्हा को सभा का अ इस्थाइ अध्यक्ष चुना गया।
- हैदराबाद एक ऐसी देसी रियासत थी जिसके प्रतिनिधि सविंधान सभा में सम्मलित नहीं हुए थे
- प्रांतो या देशी रियासतों को उनकी जनसख्या के अनुपात में सविंधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था।
- सविंधान सभा में ब्रिटिश क्रान्तो के 296 प्रतिनिशियो का विभाजन सांम्प्रदायिक आधार पर किया गया 213 सामान्य 79 मुसलमान तथा 4 सिक्ख।
- सविंधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संक्षा 33 थी
- 11 दिसम्बर 1946 ई को डॉ राजेंद्र प्रसाद सविंधान सभा के स्थाई अध्य्क्ष निर्वाचित हुए
- सविंधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर 1946 ई को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गए उदेश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई।
- 22 जनवरी 1947 ई को उदेश्य प्रस्थाव को स्वीकृति के बाद सविंधान सभा ने सविंधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त की।
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